यादव को काबू में कैसे करें यह आसान नहीं हैं परंतु कुछ टिप्स हैं जिसे जाने।
Yadav ko kabu mein kaise Karen यह तो बात ही नहीं होनी चाहिए क्या? यादव लोग देश में अत्याचार कर रहे हैं या कोई अन्य अप्रिय घटना कर रहे हैं परंतु सभी लोग पुछते हैं ओके गूगल यादव को काबू में कैसे करे। ले देख लो यह कोई बात हैं।
मैं मानता हूँ यह किसी जाति के प्रति गलत विचार हैं। यह शब्द ही मन में यादवों के प्रति खलनायक जैसे लगता हैं। मैं भी यादव हूँ भाई मुझे यह वर्ड को सुनकर बहुत बेकार लगा। इस तरह से कोई वर्ड को गूगल को दिखना ही नहीं चाहिए। परंतु यह पब्लिक की मांग हैं यादव को काबू में कैसे करें तो ठीक हैं मैं भी कुछ रिसर्च करके आया हूँ।
मैं यदु वंश का हूँ तो आपको बेहतर तो नहीं लेकिन दूसरे से अच्छा ही बता बताऊंगा। मैं आपको बता दूँ कि यादवों के खोज के लिए उनके पूर्वज के बारे में बहुत रिसर्च किया और पाया कि यादव मुख्य दो प्रकार के होते हैं। पहला–जो अपने आप को क्षत्रिय मानने वाले यादव और दूसरा–गाय चराने वाले यादव।
1.क्षत्रिय यादव कौन हैं?
यादव तो यादव हैं परंतु कुछ यादव लोग अपने आप को क्षत्रिय मानते हैं यह अच्छी बात हैं। मैं आपको बात दूँ कि भगवान कृष्ण जी वासुदेव,देवकी के पुत्र थे।
वासुदेव क्षत्रिय यादव कुल के थे जो एक कस्बे के राजा थे। जिसे चंद्रवंशी राजा भी कहाँ जाता था। इस तरह यादव समाज श्री कृष्णा को अपने पूर्वज मानते हैं हुये कुछ लोग अपने आप को क्षत्रिय यादव मानते हैं। मैं मानता हूँ यह सही हैं क्योंकि पूर्वज तो पूर्वज हैं इसे सभी को स्वीकार करना चाहिए।
2.ग्वाला यादव कौन हैं?
आप गायों को चराने वाले यादवों को ग्वाला यादव मान सकते हैं और यह सच हैं। अब मैं बता दूँ कि ग्वाला यादव की उत्पाती कैसे हुआ। जब भगवान श्री कृष्ण नंद बाबा के घर गए, तो नंद बाबा एक कबीला या कस्बे के मुखिया थे। जो वासुदेव के रिश्तेदार भी थे, कई इतिहासकारों का मानना हैं कि नंद बाबा वासुदेव के चचेरा भाई थे। शायद मैं उस विषय पर नहीं जा रहा हूँ।
मैं ग्वाला यादव के बारे में बताने जा रहा हूँ। नंद बाबा का मुख्य कार्य गायों को चराना और दूध बेचना था। बाकी उनके साथ-साथ खेती किसानी जीवन चलाने के लिए किया करते थे। तो यह पता चल गया कि नन्द बाबा ही असली ग्वाला यादव हैं। जो गायों को चराये वह सीधी से बात हैं वह ग्वाला हैं।
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3.यादव कौन हैं।
यादव कौन हैं यह तो ऊपर पढ़कर समझ आ गया होगा परंतु कोई भी यादव आपने आप को क्षत्रिय यादव या ग्वाला यादव समझ सकता हैं यह आपने विवेक ऊपर हैं। क्योंकि भगवान श्री कृष्ण जी नन्द बाबा के पास रहे और वह देवकी वासुदेव पुत्र थे।
नन्दबाब वासुदेव के परममित्र और रिश्तेदार थे। तो यह कह पाना मुश्किल हैं कि कौन यादव क्षत्रिय हैं और कौन यादव ग्वाला हैं। मैं थोड़ा बहुत जानकारी जुटाया उनके अनुसार बोल सकता हूँ कि यादव लोग राजा यदु के वंशज हैं जो अपने परम्पराओं के आधार पर क्षत्रिय धर्म के साथ-साथ गायों की सेवा को स्वीकार किया।
19वीं और 20वीं शताब्दी के बात करे तो यादव शब्द का प्रयोग परंपरागत रूप से किसान-चरवाहा समूह और जातियों के लिए किया जाता था। परंतु सामाजिक और राजनीतिक पुनरुत्थान होने के चलते यादव को देश में नाम होने लगा और देखते ही देखते यादवों नें अपने आप को देश के पटल पर आगे खड़ा कर लिया।
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4.यादव की उत्पत्ति और इतिहास।
राजा यदु का उल्लेख हिंदू ग्रंथों जैसे महाभारत, हरिवंश, पुराणों जैसे विष्णु पुराण, भागवत पुराण और गरुड़ पुराण आदि में मिलता हैं। इन ग्रंथों में राजा यदु को राजा ययाति और रानी देवयानी के सबसे बड़े पुत्र के रूप में वर्णित किया गया है।
ऐसा माना जाता हैं कि राजा यदु ने आदेश दिया था कि उनकी आने वाली पीढ़ियों को यादवों के रूप में जाना जाएगा और उनके वंश को यदुवंश के रूप में जाना जाएगा। इसलिए राजा यदु के वंशज यादव या अहीर के नाम से जाने जाते हैं।
यादव समाज के नेता और बुद्धिजीवी महाराजा यदु और गोपालक योद्धा भगवान कृष्ण के वंशज होने का दावा करते हैं जो क्षत्रिय थे। इन तर्कों के आधार पर, यादव समुदाय के अधिकांश सदस्य खुद को क्षत्रिय होने का दावा करते हैं।
यह कहाँ तक सत्य हैं यह तो ऊपर वाला ही जानता हैं परंतु सभी उल्लेख हिंदू ग्रंथों के आधार पर यादव लोगों को ग्वाला यादव के साथ-साथ क्षत्रिय यादव कहने का अपने आप में अधिकार प्राप्त होना चाहिये।
Yadav ko kabu kaise kare. यादव को कैसे काबू करें।
यादव जाति देश की नहीं बल्कि नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश और मेडलिस्ट में रहते हैं वहाँ इनके समाज को प्रतिष्ठित जाति के रूप में देखा जाता हैं। यादवों ने कई वर्षों तक नेपाल और भारत में अपना साम्राज्य फैलाया था, यादवों के साम्राज्य के कई हिस्से अभी भी पाए जाते हैं, दक्षिण भारत के कई प्राचीन मंदिरों का निर्माण यादव वंश के यादवों, विक्रमशिला और नालंदा ने भी किया था।
विश्वविद्यालय, यादवों और उनकी अजय नारायणी सेना ने महाभारत में भी अपनी बेजोड़ शक्ति का प्रदर्शन किया था, आप यादव समाज की ताकत का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि प्राचीन काल में कई राज्यों के सेनापति केवल यादव थे।
केवल अहीर ही बनाए जा सकते थे यानी यह पद यादवों के लिए आरक्षित था। आगे हम आपको अहीर शब्द की उत्पत्ति कैसे हुआ यह बताते हैं। अहीर शब्द संस्कृत शब्द आभीर से लिया गया हैं जिसका अर्थ होता हैं निडर। निडर कौन हो सकता हैं जिसके दिल में किसी के लिए ईर्ष्या, जलन, क्रोध, पाप और सबको एक समान सम्मान देने वाला हो, वही तो यादव हैं।
तो मैं कुल मिलाकर, यह कह सकता हूँ यह जाति और समाज बहुत ही शांतिपूर्ण और मैत्रीपूर्ण के रूप में जाना और पहचाना जाता हैं। आज के यादव युवा वर्ग बहुत आगे हैं। वह अपने भलाई और बुराई अच्छी तरह से जानते हैं। यादव को कैसे क़ाबू करें यह एक गूगल में सर्च मात्र से ज्यादा कुछ नहीं हैं परंतु आगे कुछ फेक्ट बता रहा हूँ जिससे यादव को काबू में किया जा सकता हैं।
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i) यादव को सम्मान दें और उनसे सम्मान प्राप्त करें।
यदि आप यादव को सम्मान देंगे तो आपको उनसे ज्यादा सम्मान मिलेगा। यादव को वश में करने का अर्थ है हर कीमत पर उनका सम्मान करना। यादव क्षत्रिय वर्ग से होने के कारण वह एक पराक्रमी लोग होते हैं, लेकिन ये लोग बहुत शांतिप्रिय भी होते हैं, जैसा कि नाम से पता चलता है।
इसलिए यदि आप किसी यादव को वश में करना चाहते हैं, तो बल या हिंसा का रास्ता भूल जाइए, क्योंकि तब आपको लेने के देने पड़ जायेगा मतलब आपके ऊपर भारी पड़ना तय हैं इसलिए आप उन्हें सम्मान दे और सम्मान पाये क्योंकि उनकी नजर में सम्मान बहुत महत्त्वपूर्ण है और जो उनका सम्मान करते हैं वे उनके दिल के बहुत करीब हो जाते हैं। किसी भी यादव को वश में करने का यह सबसे आसान तरीका है।
ii) यादव से झूठ तो बोले ही नहीं।
यादव लोग शांतियप्रिय के साथ ठेठ जाता होते हैं वह झूठ बोलते नहीं हैं न ही झूठ को बर्दाश्त करते हैं। इसलिए उनके पास झूठ के सहारा न ले। न ही झूठ बोलने के कोशिश करे। मैं तो मजाकिया तौर पर झूठ बोलने की कोशिश करता हूँ परंतु वाइफ पकड़लेती हैं वह हमेशा झूठ बोलने वाले से नफरत करती हैं। तो यादव लोगों के ब्लड में हैं जो झूठ को बर्दाश्त नहीं करते हैं।
iii) साधारण तरीके ही पसंद रहता हैं।
यादवों को कही भी देखा होगा सादगी और साधारण तरीके से रहते हैं वह किसी से भेदभाव नहीं करते हैं। सादा जीवन उच्च विचार उनके हमेशा से नीति रहा हैं। इसलिए सादगी वाले लोगों को पसंद करते हैं।
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iv) धार्मिक सम्बंधित बाते करना।
यादव समाज श्री कृष्णा को अपने पूर्वज मानते है व इस कारण से धर्म पर बहुत ही अधिक आस्था रखते है धर्म और सांस्कृतिक इनके रग-रग बसा होता हैं क्योकि वह आदि काल से धार्मिक मतलब धरम आर करम से वास्ता रखने वाले हैं। इसलिए धार्मिक बाते करना सबसे अच्छी बता हैं।
यादव बुद्दजीवी वर्ग उद्देश्यपूर्ण जीवन को प्राथमिकता देते हैं। धर्मगुरुओं द्वारा दिए गए धार्मिक ज्ञान को अनमोल मानते हैं। इसलिए धार्मिक सम्बंधित बाते करना सबसे अच्छों बात होती हैं। इसके आलावा आप चाहे तो यादव को धार्मिक किताबे जैसे गीता आदि देकर या धार्मिक गिफ्ट प्रदान करके भी काबू कर सकते है।
v) इतिहासिक की बाते करें।
उनका भारतीय इतिहासकार से पुराना नाता है, इसलिए उन्हें इतिहास के बारे में बात करना पसंद है। ऐसा क्यों न लगे उनके समाज लगभग सभी लड़ाईयों में शामिल हुये हैं।
यादव एक क्षत्रिय समाज है और यह समाज बहुत मजबूत और स्वाभिमानी है और अगर इतिहास की बात करें तो इतिहास में भी इस समाज का बहुत बड़ा योगदान है और अगर हम एकता की बात करें तो इस समाज में बहुत एकता देखने को मिलती है।
vi) यादव को कभी धोखा न दे।
यदि आप यादव को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो यह बहुत महत्त्वपूर्ण है कि आप किसी भी यादव को किसी भी तरह से धोखा न दें क्योंकि यह समाज धोखा देने वालों को कभी माफ नहीं करता है, यदि कोई समस्या है, तो उसके सामने समाधान करें। उन्हें धोखा देने के बारे में कभी न सोचें, अगर आप उन्हें कभी धोखा नहीं देंगे तो आप उन्हें बहुत आसानी से नियंत्रित कर पाएंगे।
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vii) त्यौहार से लेकर सभी उत्सव में शुभकामनाएँ दे।
यादव समाज एक क्षत्रिय के साथ आज के परिपेक्ष को ध्यान में रखकर देखा जाये तो वह ग्वाला भी हैं तो यह समाज एक धार्मिक समाज भी है और ऐसे में यह सभी पर्व और त्योहारों को बहुत ही सम्म्मान करते है आप यादव को काबू करने के लिए हर त्यौहार पर इन्हे शुभकामना दे इससे इनके मन में आपके प्रति आदर सम्मान की भावना आएगी और इससे आपके मध्य अच्छे रिश्ते बनेगे और आप आसानी से यादव को काबू कर पाएगे।
viii) यादवों के स्वाभिमान को कभी ठेस न पहुचाये।
हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि यह जाति बहुत स्वाभिमानी होती है और जब इस जाति के स्वाभिमान की बात आती है तो ये कुछ भी करने को तैयार रहते हैं, ऐसे में आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि कभी भी यादव पर नियंत्रण या काबू में रखना हैं तो किसी भी स्थिति में उनके स्वाभिमान को ठेस न पहुँचे दे, मैं मान सकता हूँ कि यादव के दिल जीत सकते हैं।
निष्कर्ष। Conclusion.
यादव (शाब्दिक रूप से, यदु के वंशज हैं यह एक प्राचीन भारतीय समाज के रूप में जाना जाता हैं। जिनके बारे में माना जाता है कि वे चंद्रवंश वंश के एक महान राजा यदु के वंशज थे। मैंने आपको ऊपर कालाम में बताया भी हूँ।
इनके समुदाय विभिन्न कुलों से बना था। यादवों के कुलों के बारे में और अधिक जानकारी चाहिए तो कमेण्ड्स करे मैं उनके ऊपर रिसर्च करके एक बेहतरीन आर्टिकल लिख दूँगा। यादवों लोगों भगवान श्री कृष्ण जी को अपने पूर्वज मानकर उनके पूजा करते थे।
यह जानकारी प्राचीन भारतीय साहित्य में यदु (यदुवंश) के वंश के वर्गों के रूप में सूचीबद्ध हैं। कई इतिहासकर अपने लेख में लिखे हैं कि प्राचीन यादव वंश के साथ अहीरों की तुलना करने के लिए अभिलेखीय और ऐतिहासिक साक्ष्य मौजूद हैं।
महाभारत काल के यादव वैष्णववाद के अनुयायी के रूप में जाने जाते थे, जिनमें से भगवान श्री कृष्ण नेता थे: वे पेशे से गोप (चरवाहा) थे, लेकिन कुरुक्षेत्र की लड़ाई में भी भाग लिया। क्षत्रिय का दर्जा प्राप्त किया।
आज के समय को देखा जाये तो रोचक तथ्य यह हैं कि यादव भारत की कुल जनसंख्या का 20% है, जो हर राज्य में फैली हुई है, जबकि पड़ोसी देश नेपाल के 20% लोग भी यादव जाति के हैं।
अगर हम यादव जाति और उससे सम्बंधित उपजातियों की बात करें तो यदि आप विश्व स्तर पर देखें, तो दुनिया की 3% आबादी यादव हैं। तो इस तरह यादव न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में बड़ी संख्या में मौजूद हैं।
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