इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण। immune system kamjor hone ke lakshan.

immune system kamjor hone ke lakshan.
immune system kamjor hone ke lakshan.

कई सामान्य दैनिक खराब आदतें और प्रतिरक्षा प्रणाली। Many common daily poor habits and immune system.

कई सामान्य दैनिक बुरी आदतें वास्तव में प्रतिरक्षा प्रणाली को नुक़सान पहुँचाती हैं, वास्तव में अधिकांश आदतें सीधे प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करती हैं।

उदाहरण के लिए, देर रात कॉफी या चाय पीना भी एक कारण हो सकता है, अनियमित नींद के कारण दिनचर्या गड़बड़ा जाती हैं। सही समय पर नहीं सोने के कारण दिन में भी स्लिप एपनिया हो सकता हैं और फिर दिन खराब होने लगते हैं।

इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण (immune system kamjor hone ke lakshan) किसी बीमारी से अस्वस्थ या परेशान रहना स्वाभाविक हैं।

अस्वस्थ होने के कारण कई बीमारियाँ हमारे शरीर में प्रवेश करती हैं। बैक्टीरिया और अन्य रोगजनक रोगजनकों, वायरस, प्रतिरक्षा प्रणाली, वायरस, सर्दी, जुकाम और शरीर के कमजोर होने के कारण हमारे शरीर पर एक पल में हमला करने के लिए एक पल का इंतज़ार करते हैं और किसी तरह हमें खतरे में डाल देते हैं।

लगता हैं कि अन्य बीमारियाँ हैं जो हम पर हमला करती हैं। जो लोग पूरी बीमारी, थकान और सुस्ती से पीड़ित होने लगते हैं।

यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि कई सामान्य दैनिक बुरी आदतें वास्तव में प्रतिरक्षा प्रणाली को नुक़सान पहुँचाती हैं, वास्तव में ज्यादातर आदतें सीधे प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करती हैं।

अच्छी और मज़बूत सेहत के साथ शरीर चुस्त और दुरुस्त रहता हैं।

1.इम्यून सिस्टम क्या हैं?। What is an immune system? ।

What is an immune system
What is an immune system?

हमारे पास एक महाशक्ति युदवीर सेना होते हैं, जो हमारे शरीर में बिजली की तरह चलती, दौड़ती हैं। जो शरीर पर विभिन्न प्रकार के जोखिम आ जाने पर वह बचा ले जाता हैं।

हर दिन हम बैक्टीरिया, वायरस और अन्य बीमारियों, बीमारियों से सुरक्षित रहते हैं। क्या? हम हर दिन धूल, डस्ट और अणुओं के रूप को सामना नहीं करते हैं।

हम सामाना करते हैं और हमें सुरक्षित रखता हैं और बचाता भी हैं। कोशिकाओं की एक महाशक्ति युदवीर सेना हमेशा बिजली की तरह हमारे शरीर में घूमती रहती हैं और खतरों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं।

जो हर हमले को झेलने के लिए तैयार रहता हैं। किसी भी हमले को रोकने के लिए तैयार महाशक्ति शाली युद्दवीर सेना हमारे ज़िन्दगी के महान रक्षक हैं और इन्हीं पवार फूल महाशक्ति शाली युद्दवीर सेना, सुपर सैनिक को रोग प्रतिरोधक शक्ति याने इम्युनिटी सिस्टम कहते हैं।

2.इम्यूनिटी शब्द का क्या अर्थ है। What does the word immunity mean? ।

प्रतिरक्षा प्रणाली अंगों, ऊतकों, कोशिकाओं और अणुओं से बनी होती हैं जो सभी एक समूह बनाते हैं। पहले रोगजनकों और ट्यूमर कोशिकाओं की पहचान करता हैं और फिर जीवों को बीमारियों से बचाता हैं।

एक मज़बूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न करते हुये विषाक्त पदार्थों जैसे परजीवी कीड़े, वायरस को नष्ट करता हैं और विभिन्न प्रकार के खतरों से बचाती है।

ये खतरे यांत्रिक चोटों, कीटाणुओं के रूप में आ सकते हैं। यह भी कहा जा सकता हैं कि गीगाहर्ट्ज़ की गति के साथ हमारे सुपर सैनिक शरीर के स्वास्थ्य पर किसी भी हमले को रोकते हैं और घुसपैठिया वायरस का पीछा करके उन्हें ख़त्म कर देते हैं।

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3.रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण। Due to low immunity.

खराब नींद की आदतें रोग प्रतिरोधक छमता के प्रदर्शन को कम कर करती हैं जैसे:-देर रात को टीवी देखना या प्रोजेक्ट करना, आफिस के काम को घर में करने की कोशिश करना, या फिर किसी मित्र, यार के प्रोजेक्ट या प्रजेंटेशन को लेकर रात में समय बिता देना।

इस प्रकार के आदतें एक बुरा समय हो सकता हैं जो रोग प्रतिरोधक छमता में असर डाल सकता हैं। खराब नींद की आदतें प्रतिरक्षा प्रणाली के प्रदर्शन को कम करती हैं और कोशिकाओं के रोग प्रतिरोधक छमता के स्तर को नीचे ले आती हैं।

रोग प्रतिरोधक छमता विभिन्न प्रकार के साइटोकिन्स और शरीर को उन संक्रमणों और बीमारियों से बचाने में मदद करता हैं जिनके उत्पादन में काफ़ी कमी आ सकती है। नींद छोड़ने से बचें, सोने से पहले गहरी नींद उचित नींद स्वच्छता विकसित करें।

हर रात एक निर्धारित समय पर और हर सुबह एक ही समय पर जागने की कोशिश करें। हर रात सात से नौ घंटे की नींद ज़रूर लें, अगर अक्सर अपनी क्रेविंग को पूरा करने के लिए कुछ पढ़ते या खाते हैं, तो आप कमजोर इम्यूनिटी से पीड़ित हो सकते हैं आदतें जो सोने के लिए कठिन बना सकती हैं।

जैसे:-उदाहरणों में देर रात कॉफी या चाय पीना यह भी एक कारण बन सकता हैं, अनियमित सोते समय दिनचर्या खराब हो जाता हैं।

बुक्स पढ़ने से निद आने लगती हैं, यह तो ज़रूर सुना होगा बेहतर नींद के उपाय या गहरी नींद आने के उपाय के रूप में एक अच्छे बुक्स को रीडिंग कर सकते हैं।

अनिद्रा लगना:-सही समय पर न सोने से दिन में भी निद्रा ध्यान निद्रा लगने लगती हैं और फिर दिन खराब होने लगता हैं। उठपटाग समय में सो जाने से रात में नींद नहीं आना और नींद में कठिनाई होना।

डिप्रेशन जैसे लगना जिससे दैनिक जीवन में महत्त्वपूर्ण हानि होती है। लक्षण शामिल हो सकते हैं, बेचैनी, नींद से जल्दी जागना।

नींद अश्वसन एक संभावित गंभीर नींद विकार, ध्यान और नींद जिसमें सांस बार-बार रुकती है और शुरू होती है। ये लक्षण शामिल हो सकते हैं। जिससे हमें बचना चाहिए।

इम्यूनिटी सिस्टम याने रोग प्रतिरोधक छमता को चुस्त दुरुस्त बनाये रखने के लिए सही समय पर सोना व पूर्ण निद्रा ज़रूरी हैं।

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4.पाचन शक्ति कमजोर। pachan shakti kamjor.

जब पाचन तंत्र प्रभावित होता हैं, तो हमारे शरीर भोजन को पूरी तरह से पचा नहीं पाते हैं, जिसके कारण हमारा शरीर आवश्यक विटामिन और खनिज प्राप्त करने में असमर्थ होता हैं, जिसके कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने लगती हैं।

शरीर में कमजोरी शुरू होना स्वाभाविक हो जाता हैं। पाचन के कारण गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स बीमारी जैसी गंभीर बीमारियाँ भी शरीर पर हावी होने लगती हैं। इस बीमारी में, पेट में एसिड और भोजन को क्षति पहुचने लगता हैं।

यदि आप अनुभव करते हैं, हम जो पचाते हैं, वह हमें मज़बूत बनाता हैं। मानव रोग का लगभग 80% प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पेट से सम्बंधित हैं जहाँ भोजन पचता हैं।

मांसपेशियों के निर्माण के नुक़सान के साथ केवल पाचन तंत्र खराब हैं या वसा रोग-मुक्त रहता हैं। पाचन तंत्र अच्छा हैं तो ठीक अन्यथा कब्ज से पीड़ित होना स्वाभाविक हैं।

यदि कब्ज से पीड़ित तो रात में एक चम्मच कब्ज को दूर भागने वाले “हाजमे की दवा” या “पाचन सुधा सिरप” जैसे कोई दवाई लें और यदि छाछ दही प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ जैसे लस्सी दैनिक आहार तो इसे ले।

आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा मिलना स्वाभाविक बन जाता हैं। सीजन फूड दैनिक आहार का एक हिस्सा होना चाहिए। गैस कम करने और अन्य पाचन तंत्र को कम करने में व्यायाम का अधिक प्रभाव हैं।

इससे ज्यादा, किसी भी बॉडी शेप से एक्सरसाइज और फूड ट्रैवल पाचन तंत्र को मदद करता हैं। त्वरित व्यायाम भी आंतों की मांसपेशियों में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता हैं। उन्हें टोन करता हैं और उनके संकुचन में सुधार करता हैं।

कई बार तो समय का पता भी नहीं चलता और समस्या गंभीर हो जाती हैं। ऐसी स्थिति में, पेट के स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक हैं। अगर आपका पेट नहीं चल रहा हैं तो भी आप अच्छा महसूस नहीं करते हैं, क्योंकि हमारा स्वास्थ्य सबसे ज़्यादा पेट से जुड़ा होता हैं।

जहाँ आपको वह सब खाने को मिलता हैं, जहाँ आप कभी-कभी विवशता का स्वाद खाने के लिए मजबूर होते हैं। कभी-कभी दवा भी, खनिजों की कमी, तनाव आदि भी आपके पाचन तंत्र में बैक्टीरिया पैदा कर सकते हैं जो पेट के संतुलन को बाधित करते हैं।

इसलिए ध्यान रखें, अगर पेट स्वस्थ हैं, तभी शरीर स्वस्थ रहेगा।

5.शराब और स्मोकिंग का लत लग जाना। Addiction to alcohol and smoking.

शराब और स्मोकिंग धूम्रपान का लत लग जाना एक प्रकार के मानसिक बीमारी हैं। जिसे सभी लोग शराबी कहते हैं। वह दरअसल में शराब से छुटकारा पाना चाहता हैं और एक सामान्य जीवन जीना चाहता हैं।

धूम्रपान छोड़ने के उपाय खोजते रहता हैं। परंतु उनके अंदर शराब रूपी जिन्न कब्जा जमाये रहता हैं, इस कारण वह उस जिन्न के चलते मजबूर हो जाता हैं और सुबह से साम होते-होते मन बादल जाता हैं और किसी हाल में मात्र एक दिन के लिए वह शराब को पीना चाहता हैं।

जिसके बाद वह लाइफ टाइम छोड़ देना चाहता हैं यह प्रक्रिया प्रतिदिन उनके जीवन में चलते रहता हैं। ऐसा भी नहीं हैं कि वह स्मोकिंग करे या शराब पिये, वह जिन्न ऐसा करने पर विवश कर देता हैं।

समय-समय पर एक या दो पेय के लिए ख़ुद को सीमित करना शायद एक अच्छी रणनीति हैं। अल्कोहल के ओवरकॉन्सुलेशन आपके शरीर पर बहुत सारे नकारात्मक प्रभाव डालते हैं और अल्कोहल के लगातार ओवरकॉन्सुलेशन आपके शरीर पर विनाशकारी प्रभाव डालते हैं।

एक बार जब इसका सेवन किया जाता हैं तो शराब पाचन के सामान्य भोजन पथ पर चली जाती हैं। जिसका अर्थ हैं कि यह बहुत तेज़ी से रक्त में मिलने लगता हैं और धूम्रपान के नुक़सान तेजी से होने लगता हैं।

अगर भोजन पेट पर नहीं हैं, तो एक खाली पेट, या अगर शराब किसी भी भोजन के साथ नहीं हैं, तो यह बहुत कम समय में छोटी आंत में चली जाती हैं। जो कि शरीर के इंटरनल क्रियाओं के सही नहीं हैं।

यह तंत्रिका कोशिकाओं को धीमा कर देती हैं। सोचने और बोलने की शक्ति को असमर्थ कर देता हैं और अपने नियंत्रित में ले लेता हैं। शराब से त्वचा का प्रवाह भी बढ़ जाता हैं, जो कुछ गुलाबी-गुलाबी हो जाते हैं और कुछ लोगों को पसीना आना शुरू हो जाता हैं।

यदि शराब पीना जारी हैं, तो यह चेतन शक्ति को बड़ा नुक़सान पहुचता हैं। कुछ समय बाद शरीर के लिए विषक्त होने लगता हैं और देखा जाये तो यह मृत्यु का कारण भी बनता हैं।

6. तनावपूर्ण होना। To be stressed.

To be stressed.
To be stressed.

तनावपूर्ण होना हर कार्य के पीछे तनाव होता हैं, परंतु इनको एक सामान्य और प्राकृतिक हिस्सा समझना चाहिए, अन्यथा आप तनाव के चलते सभी अच्छे कामों को बिगाड़ देगे और तनाव का शरीर पर असर बुरा असर पड़ता हैं।

सकारात्मक प्रतिक्रिया या तनाव की प्रतिक्रिया में हमेशा सकारात्मक सोचे व अच्छे विचारधारा को आगे लेकर चलना चाहिए। मानसिक तनाव को दूर करने के उपाय के बारे में सोचते रहना चाहिये।

तनाव केवल उन कार्यों पर काम करता हैं जो अपने को बेहतर बनाने के लिए सबसे महत्त्वपूर्ण हैं मतलब सीधा-सा हैं मान लो एक छोटी-सी काम या बड़ी परियोजना में काम कर रहे हो और उनका प्रबंधित कैसे करे और इस परियोजना को आगे कैसे लेकर चले यह एक उत्पादक एक खुशहाल जीवन के लिए तनाव-तनाव प्रबंधन हैं।

ऐसी हर तनाव में विकाश छुपा हुआ होता हैं। आगे बढ़ने की ललक छुपा हुआ होता हैं, तो इस तनाव से आगे की रास्ता खुशहाल जीवन को ओर लेकर जाती हैं और फ्यूचर में इस तनाव के परिणाम का रिजल्ट बहुत अच्छा आता हैं। आंतरिक तनाव अलग हैं।

यह तनाव केवल प्रसनल हैं याने स्वयं अपने लिए तनावग्रस्त हो जाते हैं। प्रसनल यने स्वयं तनावग्रस्त होना, निजी जीवन में हो सकता हैं या फिर फेमली के प्राबलम से हो सकता हैं।

इस तरह तनावग्रस्त से कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली हो सकता हैं। बहुत-सी अलग-अलग चीजें हैं जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकती हैं।

ज़्यादा टेंशन लेने से क्या होता हैं अधिक तनाव में हैं, तो तनाव हार्मोन को और विशेष रूप से कोर्टिसोल को दबा सकने में सक्षम हो जाता हैं, इसलिए यह अति महत्त्वपूर्ण है, यदि आप बहुत अधिक तनाव में हैं, तो अच्छे तनाव प्रबंधन का अभ्यास करे।

विभिन्नताएँ भी प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकती हैं। कुछ और भी कारण हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को खराब कर सकती हैं।

जैसे:-देर रात को टीवी देखना या प्रोजेक्ट करना, अनिद्रा, नींद में कठिनाई, डिप्रेशन, एक मानसिक स्वास्थ्य विकार चिंता, एक अच्छे स्वास्थ्य का न होना भी तनाव का कारण बनता हैं, भय की भावनाओं की चिन्ता, थकान भी तनाव का कारण हो सकता हैं।

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7. निष्कर्ष।The conclusion.

मांसपेशियों में कमजोरी और थकावट जो वास्तव में एक शारीरिक की अक्षमता को दिखती हैं। मांसपेशियों में कमजोरी और पैरों में थकान जैसे महसूस करना भी प्रतिरक्षा तंत्र में कमी को दर्शता हैं। इसलिए इम्युनिटी लेबल को मजबूती व हेल्दी रखने के लिए आवश्यक पोषक तत्व लेना चाहिए।

कई सामान्य दैनिक कई बुरी आदतें वास्तव में प्रतिरक्षा प्रणाली को नुक़सान पहुँचाती हैं, वास्तव में अधिकांश आदतें सीधे प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करती हैं। इसलिए अच्छे आदतें के साथ आगे चलना चाहिए।

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